विद्यालय को बना दिया गया ट्रेन की बोगी,पढ़े पूरी खबर

कानपुर: उत्तर प्रदेश में शिक्षा को लेकर मची उहा पोह भी अब सामान्य कगार पर आती नजर आने लगी है जिस पर फैसला लेते हुए बुधवार यानी दस फरवरी से कक्षा 6 से आठ तक के बच्चो के स्कूल खोलने की अनुमति प्रदान कर दी गयी जिसका नजारा कुछ इस तरह देखने को मिला विद्यालय को बिल्कुल ट्रेन की बोगी का रूप दिया है वहीं विद्यालय पहुंचे छात्र छात्राओं का स्वागत बिल्कुल बारातियों जैसा किया गया, वहीं कोविड 19 की नियमावली को विशेष रूप से ध्यान में रखा गया
कानपुर नगर का भीतरगांव बेहंटा गंभीरपुर गांव के परिषदीय विद्यालय भवन में कराई गई पेंटिंग इलाके में चर्चा का विषय बनी हुई है विद्यालय में कार्यरत शिक्षकों की कल्पना पर स्कूल के कमरों और दीवारों को ट्रेन की बोगी की तरह पेंट किया है, जबकि किचेन को ट्रेन के इंजन की तरह सजाया गया है
शिक्षाधिकारी का दावा है कि जिले का यह पहला स्कूल है जिसे ट्रेन की बोगी की तरह सजाया गया है ऐसा इस लिए किया गया है कि देश के सबसे बड़े लॉक डाउन के बाद अस्त व्यस्त हुई शिक्षा प्रणाली को लेकर न तो अभिवावक अपने बच्चो को स्कूल भेजने में न घबराएं और स्कूल आने वाले छात्र और छात्राएं एक नए वातावरण को महसूस करते हुए निडर बनकर स्कूल आये, इस सबन्ध में राज्य संसाधन शिक्षक समूह के सदस्य राजेश यादव ने बताया कि विद्यालय प्रधानाध्यापक इला पांडेय और शिक्षकों ने कायाकल्प योजना के तहत स्कूल भवन की रंगाई-पुताई नए अंदाज में कराने की योजना बनाई
उन्होंने ट्रेन की बोगी और इंजन की कल्पना को स्कूल भवन में साकार करने की ठानी, पेंटर को बुलाकर योजना समझाई और कार्य शुरू करा दिया इस कार्य में पंचायत सचिव रामपाल ने भी योगदान लिया गया, जब स्कूल भवन रंग-पुतकर तैयार हुआ तो देखने वाले दंग रह गए दूर से देखने पर लगता है जैसे कि स्कूल भवन नहीं बल्कि, ट्रेन की बोगी खड़ी है, स्कूल भवन के नए लुक को देखने के लिए आसपास के ग्रामीण और स्कूलों के शिक्षक भी आ रहे हैं
वहीं विद्यायल को और आकर्षण देने के लिए विद्यालय के कमरों की दीवारों पर छात्रों की जानकारी के लिए पर्यावरण से संबंधित जानकारी और जीव-जंतुओं की आकर्षक चित्रकारी की गई, शिक्षकों का दावा है कि लॉकडाउन खुलने के बाद स्कूल आने की अनुमति से छात्रों के आकर्षण बना रहेगा, जिसका नजारा कक्षा 6 से आठ तक के छात्र छात्राओं में देखा गया
रिपोर्ट मयंक बाजपेई