किसान आंदोलन के बीच, प्रधानमंत्री मोदी का वाराणसी दौरा

लोकल वाॅइस न्यूज़.
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वाराणसी :- किसान आंदोलन के बीच, प्रधानमंत्री मोदी का अपने ससंदीय क्षेत्र वाराणसी में देव दीपावली मनाना..
केंद्रीय कृषि कानून के विरोध में जारी किसान आंदोलन का साया देव दीपावली की चमक पर भी नजर आया। दरअसल, देव दीपावली के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी पहुंचे। इस दौरान पीएम मोदी ने बटन दबाकर वाराणसी-प्रयागराज सिक्स लेन हाईवे का लोकार्पण किया। इसके बाद उनके पूरे भाषण में देव दीपावली की जगह किसान ही छाए रहे। गौर करने वाली बात है कि खजूरी में प्रधानमंत्री मोदी ने करीब 40 मिनट तक लोगों को संबोधित किया..
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सम्बोधन –
किसान रेल की शुरुआत की गई है.
आधुनिक चीजों का फायदा किसानों को भी होता है.
आज सरकार के प्रयास से किसान को लाभ मिल रहा है.
किसान विदेश में निर्यात कर रहा है.
लंदन तक में भारत की फल सब्जियों की मांग है.
एक हजार किसान परिवार काले चावल की खेती कर रहे हैं.
काला चावल आज ऑस्ट्रेलिया निर्यात हो रहा है.
किसान सुधार और उनके हित में हमने काम किया है.
काला चावल आज 300 रुपये बिक रहा है.
हमने किसानों को सशशक्त करने का रास्ता अपनाया है.
किसानों की आमदनी बढ़ाने पर हम लगातार काम कर रहे हैं.
किसानों को फसल बेचने की आजादी है,.
नए कानून में पुराने तरीके से फसल बेचने की आजादी भी है.
नया कानून किसानों के लिए फायदेमंद हैं.
जिन्हों ने दशकों तक किसानों के साथ छल किया है वही अब भ्रम फैला रहे हैं. अब विरोध का आधार भ्रम है.
जो हुआ ही नहीं उसको लेकर भ्रम फैलाया जा रहा है.
पहले MSP पर खरीद कम होती थी.
पहले किसानों के साथ सिर्फ धोखा होता था.
पहले खाद की कालाबजारी होती थी.
झूठ फैलाना उनकी आदत हो गई है.
किसानों के नाम पर बड़ी-बड़ी योजनाएं घोषित होती थीं
लेकिन वो खुद मानते थे कि 1 रुपए में से सिर्फ 15 पैसे ही किसान तक पहुंचते थे.
हमने वादा किया था कि स्वामीनाथन आयोग की सिफारिश के अनुकूल लागत का डेढ़ गुना MSP देंगे.
ये वादा सिर्फ कागज़ों पर ही पूरा नहीं किया गया
बल्कि किसानों के बैंक खाते तक पहुंचाया है.
आपको याद रखना है, यही लोग हैं जो पीएम किसान सम्मान निधि को लेकर ये लोग सवाल उठाते थे.
ये अफवाह फैलाते थे कि ये मोदी है इसलिए ये चुनाव को देखते हुए 2 हजार रूपये दिया जा रहा है
और चुनाव के बाद इस पैसे को ब्याज सहित वापस देना पड़ेगा.
एक राज्य में तो वहां की सरकार, अपने राजनीतिक स्वार्थ के चलते,
आज भी किसानों को इस योजना का लाभ नहीं लेने दे रही है.
देश के 10 करोड़ से ज्यादा किसान परिवारों के बैंक खाते में सीधी मदद दी जा रही है.
अब तक लगभग 1 लाख करोड़ रुपए किसानों तक पहुंच भी चुका है.
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Political Editior- Abhishek Gupta